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नहीं रहे गजल उस्ताद पंकज उधास, लंबे समय से चल रहे थे बीमार….

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रायगढ़, छत्तीसगढ़ की भविष्य न्यूजदिग्गज सिंगर व मशहूर गजल गायक पंकज उधास का निधन हो गया है। उन्होंने 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है। सिंगर पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। इसकी जानकारी उनकी बेटी ने दी है।

ऐसे शुरू हुआ था दिवंगत सिंगर का म्यूजिकल करियर
पंकज का संगीत करियर 6 साल की उम्र में शुरू हुआ। उनके घर में संगीत का माहौल था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वह संगीत की दुनिया में भी आये और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गये। पंकज उधास ने बताया कि संगीत से उनका पहला परिचय स्कूल में प्रार्थना करने से शुरू हुआ। उनके संगीत की शुरुआत स्कूल में प्रार्थना से होती थी। संगीत से उनका पहला परिचय स्कूल में प्रार्थना करने से शुरू हुआ।

इन गानों से हुए लोकप्रिय
1980 में उनका पहला एल्बम ‘आहट’ आया था। इसमें कई गजलें उन्होंने गाई थीं। पंकज उधास अपनी गजल गायिकी के लिए फेमस हुए। उनके फेमस गानों में ‘जिएं तो जिएं कैसे बिन आपके…’, ‘चिट्ठी आई है…’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल…’, ‘ना कजरे की धार, ना मोतियों के हार…’ शामिल हैं।

संस्थापक-लेखक: शैलेंद्र प्रसाद साहू, समाचार रिपोर्टिंग की दुनिया में अपने अनुभव से भरपूर हैं। पारदर्शी और सटीक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध, वह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और सारंगढ़ जिलों की स्थानीय कहानियों के दिल में गहराई में जाते हैं। सच्ची स्थानीय इंशाइट्स के साथ समाचार के भविष्य को आकार देने में हमारे साथ जुड़ें।

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